नवोदय के वो 7 वर्ष

नवोदय के वो 7 वर्ष
नवोदय के वो 7 वर्ष,
वहां की हर कहानी पावन थी,
वो मैस की मस्तियाँ,
दोस्तों के साथ बदमाशियां
कितनी मनभावन थी,
टीचर्स की डांट और सीनियरों की मार
और 10th में मौसम मोहब्बत का,
कितना सुहावना था
निकलने के बाद कड़कड़ाती धूप,
ठिठुरती ठंड महसूस हुई
नवोदय में दोस्तों के साथ लगता,
जैसे हर महीना सावन था
दीवार फांद कर जंगलों से गुजर कर
मार्केट जाना,
इनके पीछे भी होती एक
दिलचस्प कहानी थी
जब तक था उसमें ,
कैद खाना लगता था
किसे पता था कि,
कैद खाने में ही स्वर्ग जैसी दीवानगी थी
टॉयलेट के बहाने पूरी अकेडमी ब्लॉक
के चक्कर लगाना,
ये भी कुछ कमीने दोस्तों
की मेहरबानी थी,
जब विदाई हो रही थी उस जन्नत से
हम लोगों की,
चेहरे पर झूठी मुस्कान और
आखों मे आँसु छुपे थे
सलाम उन शिक्षकों को
जो खुशियाँ बाँटते और प्यार जताते थे
– पीयूष निश्चल

पीयूष निश्चल
JNV Chatra (Jharkhand)
Batch:- 2011-2018
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Photo by Paweł Czerwiński on UnsplashTags
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